इसमें ही संपूर्णता प्राप्त होती है

उसकी आत्मा अद्भुत रूप से समृद्ध है। दुनिया का अनिश्चितता, उसे न तो चुनौती देती है। उसके अंदर ही एकमानसिकता है जो अस्तित्व} से भरी हुई है।

यह एक समस्या नहीं , बल्कि एक| सच्चाई देखी जा सकती है।

यह स्वयं, अनेक सुंदरियाँ

हर व्यक्ति एक अनोखा रूप होता है। यह पहचान दूसरों से अलग तू अकेला ही काफी है होता है, और यह उसे खास बनाता है।

आप स्वयं को पहचानना महत्वपूर्ण समझते हैं। यहमे हमें अपनी ताकत का ज्ञान मिलती है और हम उनके आकांक्षाएं को जानना पाते हैं।

  • जब हम अपने स्वयं को स्वीकार करते हैं, तो हम दूसरों का भी सम्मान कर सकते हैं।
  • हर आत्मा अनोखा होता है, और हमें इसको स्वीकार करना चाहिए।

अकेलेपन की शोभा

कुछ लोग समय में अकेलेपन को एक बुराई मानते हैं, परंतु इसका महत्व भी होता है। अकेलापन हमें खुद के साथ अनुभव का अवसर देता है, और इस शांत समय में हम अपनी आत्मा को समझ सकते हैं। यह हमें अपने उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और खुद के बारे में गहराई से जागरूकता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

आत्मा की गहराई में

एक व्यक्ति अपने रास्ता का प्रश्न करते रहता है कि वह क्या चाहता है, उसकी चाहतें क्या हैं? उसे अपने अंदर एक स्थिरता चाहिए। लेकिन यह सब आसान नहीं पाना, क्योंकि हम अपने आप को भूल चुके हैं .

यह ही मेरा पूरा जहाँ

तू बस ही मेरी दुनिया. तेरे अभाव में मैं सफल नहीं हो सकता. तुम्हारा होना ही मेरे लिए शुभ है.

सच्चा आनंद में स्वयं

पहले तो हमें यह समझना होगा कि "आनंद " क्या है। यह सिर्फ एक स्थिति नहीं है, बल्कि हमारे अंदर का जीवन. जब हम इस आंतरिक ऊर्जा से जुड़ते हैं, तो हमें परम सुख प्राप्त होता है। यह एक ऐसा अवस्था है जिसमें हम समय से विरक्त हो जाते हैं और सिर्फ सत्ता में रहते हैं।

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